1- अगर देश के प्रत्येक व्यक्ति को भारतीय सैनिक एकडेमी मे महत्तम 1-2 वर्ष तक ट्रेनिंग शारिरिक क्षमता व देश के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से रुबरू कराया जाये तो हमारा देश ,विश्वपटल पर अपनी एक अनूठी छाप छोड़ सकता है! इसके साथ ही विश्व के नेतृत्व के लिये अपनी दावेदारी मजबूत कर सकता है!
2-जिससे ना केवल हमारे देश की संस्कृति से अन्य लोग परिचित होंगे बल्कि संपूर्ण विश्व को इससे असीम लाभ होगा! क्योंकि भारत के लोग वसुधैव कुटुम्बकम् विचारधारा को मानने वाले लोग है यह हमारे धर्म में हीं नहीं यह हमारे भारतवर्ष के संस्कार का द्योतक है। वसुदेव कुटुंबकम् का शाब्दिक अर्थ है धरती ही परिवार !
इस सोच और मिशन के साथ अगर कोई देश विश्व का नेतृत्व कर सकता है तो वह केवल भारत है ! सही मायनों में यही मानवता की सच्ची सेवा होगी!
(भारत की छवि हमेशा से उदार रही है इतिहास मे जितने भी विदेशी हमारे देश की ओर आए सब ने भारत को केवल लूटने का प्रयास किया! इसे केबल अपना बाजार की तरह इस्तेमाल किया गया! उन्होंने ना केवल आर्थिक रूप से बल्कि धार्मिक रुप से भी हमारे देश का शोषण किया!फिर भी हमारी सनातन संस्कृति आज भी जीवित है इतना होते हुए भी हमारा इतिहास बताता है कि भारतीयों ने सदैव सभी देशों की संस्कृतियों का, भाषा का, धर्म का आदर किया और अपना हिस्सा सहज ही बना लिया। ऐसा नही है कि हम कमजोर है इसलिये उदार है बल्कि हमारी संस्कृति और हमारे सिद्धान्त हमे इसकी इजाजत नहीं देते हैं वरना चंद्रगुप्त मौर्य जैसे राजा और चाणक्य जैसे नीतिबान हुए हैं वह भी अगर चाहते तो विश्व पर अपना एक छत्र राज कायम कर सकते थे पर उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया उन्होंने सिर्फ अपनी देश की सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए हथियारों का प्रयोग किया ऐसे ही राजा अशोक भी चाहते तो विश्व विजय के लिए वह भी निकल सकते थे और हथियारों के दम पर लोगों को उनका धर्म परिवर्तन करा सकते थे परंतु हमारी सनातन संस्कृति ने कभी उन्हें इस तरीके की कृत्य करने की अनुमति नहीं दी!)
3- पहले पॉइंट के अनुसार काम करने से: - हमारे पास एक योग्य वर्कफ़ोर्स होगी जो मानसिक,शारीरिक रूप से मजबूत होगी और वो देश की मूलभूत संरचना से भली-भांति जागरूक (aware)होगी!
इसके बाद उनको आप(लेखक का सरकार को सुझाव) उनके कार्यक्षेत्र (field) में लौट जाने की अनुमति दे सकते है!
वर्तमान में ऐसा ही इसराइल अपने नागरिकों के साथ करता है!
4- प्रत्येक व्यक्ति को अपनी प्रारंभिक शिक्षा(Primary education) के उपरांत अपने कैरियर संबंधी उच्च शिक्षा(higher education)को ग्रहण करने के उपरांत अपने मनपसंद रुचि के अनुसार अपना कैरियर में आगे बढ़ना चाहिए ! जब तक आप आर्थिक रूप से स्वतंत्र नही होंगे तब तक आप खुल के कोई भी निर्णय नही ले पाएगे! इसलिये अपने मनपसंद रुचि के कार्य में आगे बढे!
5- प्रत्येक व्यक्ति जो इस देश के किसी गांव या शहर से जुड़ा हुआ है वह सभी इस देश की मिट्टी के ऋणी है हमें इसके प्रति ना केवल कृतज्ञ होना चाहिए बल्कि हमें अपने स्तर के अनुसार, इस मिट्टी का ऋण उतारने का प्रयास करना चाहिए , यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है!
एक लेखक के तौर पर ये मेरे निजी विचार है, मुझे लगता है कि ऐसा करने से एक सामान्य व्यक्ति के स्तर पर उसको जिस प्रकार की खुशी की अनुभूति होगी वह अनंत होगी और इसमें कुछ सुझाव सरकार को संबोधित कर के दिए गए हैं अगर सरकार उन चीजों को फॉलो करके नीति बनाए तो इससे ना केवल भारत को विश्व पटल पर नई पहचान मिलेगी बल्कि विश्व का नेतृत्व करने की दौड़ में भारत को सबसे पहले ला सकते है!
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